Khadi and Gram Vikas Yojana: खादी व ग्रामविकास उद्योग योजना, जाने योजना के उद्देश्य

Dhananjay Ghorpade

By Dhananjay Ghorpade

Published on:

Follow Us
Khadi and Gram Vikas Yojana: खादी व ग्रामविकास उद्योग योजना, जाने योजना के उद्देश्य

Khadi and Gram Vikas Yojana: नमस्कार दोस्तो स्वागत हे आपका आज के हमारे इस नही आर्टिकल मे आज हम जानेगे खाली व ग्रामविकास उद्योग योजना के बारे मे अगर आपको l खादी व ग्रामविकास उद्योग योजना के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त करनी है तो हमारे एस आर्टिकल को आखरी तक पडे और अगर आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगा तो आपके दोस्त के साथ शेअर करे आर्टिकल ऐसे ही नये नये आर्टिकल हम आपके लिए लेके आते रहते है शुरू करते है l खादी व ग्रामविकास उद्योग योजना के बारे मे पूरी जानकारी l

खादी व ग्रामविकास उद्योग योजना

खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत में खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के अन्दर आने वाली एक शीर्ष संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य “ग्रामीण इलाकों में खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना और विकास करने के लिए योजना बनाना, प्रचार करना, सुविधाएं और सहायता प्रदान करना है, जिसमें वह आवश्यकतानुसार ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्यरत अन्य एजेंसियों की सहायता भी ले सकती है।

Khadi and Gram Vikas Yojana

अप्रैल 1957 में, पूर्व के अखिल भारतीय खादी एवं ग्रामीण उद्योग बोर्ड का पूरा कार्यभार इसने संभाल लिया।योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय से आरम्भ होती है, जो इन कार्यक्रमों का प्रशासनिक प्रमुख होता है। मंत्रालय भारतीय केन्द्र सरकार से धन प्राप्त करता है और खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग को पहुंचाता है।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग इसके बाद इस धनकोष का प्रयोग अपने कार्यक्रमों का कार्यान्वयन करने के लिए करता है। आयोग इस काम को प्रत्यक्ष तौर पर अपने राज्य कार्यालयों के माध्यम से सीधे खादी और ग्राम संस्थाओं एवं सहकारी संस्थाओं में निवेश करके; या अप्रत्यक्ष तौर पर ] खादी और ग्रामोद्योग बोर्डों के माध्यम से करता है, जो कि भारत में राज्य सरकारों द्वारा संबंधित राज्य में खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्मित वैधानिक निकाय हैं। तत्पश्चात, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड खादी और ग्राम संस्थानों/सहकारिताओं /व्यवसाइयों को धन मुहैया कराते हैं।

खादी ग्रामोद्योग विकास योजना का उद्देश्य

ग्रामीण भारत में रोजगार और नौकरी के अवसर बढ़ाना खादी उद्योग की स्थिति सुदृढ़ करनाबेहतर अवसरों के माध्यम से ग्रामीण समुदायों में आत्म-सम्मान की भावना को बढ़ावा देनाखादी वस्त्रों को वैश्विक फैशन के रूप में बढ़ावा देना खादी ग्रामोद्योग विकास योजना: मुख्य विशेषताएं फरवरी 2019 में खादी ग्रामोद्योग विकास योजना को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति से मंजूरी मिल गई।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग वर्षों से दोनों योजनाओं का प्रबंधन कर रहा है।खादी विकास योजना में ऐतिहासिक रूप से बाजार संवर्धन और विकास सहायता , ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाणपत्र आम आदमी बीमा योजना और खादी अनुदान शामिल थे,जिसका उद्देश्य खादी उद्योग के कमजोर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना था।

इसके विपरीत, ग्रामोद्योग विकास योजना ने केवीआईसी के माध्यम से ग्राम उद्योगों को वित्तपोषित करने पर ध्यान केंद्रित किया ।खादी ग्रामोद्योग विकास योजना में रोजगार युक्त गांव नामक एक नया घटक शामिल किया गया है , जो मौजूदा मिश्रण के साथ-साथ कार्य करता है।खादी ग्रामोद्योग विकास योजना का उद्देश्य खादी उद्योग में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना , ग्रामीण स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा करना और अंततः ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है।

खादी ग्रामोद्योग विकास योजना प्रमुख योजनाएं

खादी ग्रामोद्योग विकास योजना एक पहल है जिसका उद्देश्य खादी कारीगरों को उनके उत्पादों के उत्पादन और बिक्री के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाना है।इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने खादी उद्यमों के मौजूदा व्यापार मॉडल में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जो सब्सिडी आधारित मॉडल से हटकर उद्यम आधारित मॉडल होगा।इस योजना के तहत 50 गांवों को खादी उत्पादन के लिए आवश्यक उपकरण और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें चरखा, करघा और ताना-बाना इकाइयां शामिल हैं।

बाज़ार संवर्धन और विकास सहायता सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, बाज़ार संवर्धन और विकास सहायता (एमपीडीए) योजना की देखरेख के लिए जिम्मेदार है।इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य पूरे भारत में खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नए अवसर पैदा करना है।ग्रामीण क्षेत्रों में खादी के उत्पादन, बिक्री और विपणन तथा लघु उद्यमों को समर्थन देने के लिए इस योजना के तहत 977 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया। ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाणपत्र (आईएसईसी) यह योजना खादी और पॉलीवस्त्र उत्पादन उद्यमों को बैंकों से पूंजी प्राप्त करने में सहायता देने के लिए मई 1977 में शुरू की गई थी।

निष्कर्ष

अगर आपको हमारे ये जानकारी महत्वपूर्ण लगी या काम की लगी तो आपके दोस्तो के साथ शेअर कीजिए और ऐसे नही जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ऑफिशियल वेबसाईट पर कमेंट करे l धन्यवाद दोस्तो कैसे लगा आज का हमारा यह आर्टिकल तो आज हमने जाने खादी व ग्रामविकास उद्योग योजना के बारे मे पूरी जानकारी ऐसे ही नई नई जानकारी जानने के लिए हमारे आर्टिकल पुरे पढे ओर अपने दोस्तों के साथ शेअर करे l

खादी ग्रामोद्योग योजना क्या है?

“खादी ग्रामोद्योग विकास योजना” की एक छत्र योजना में खादी और ग्रामोद्योग कार्यक्रम के विकास के लिए दो प्रमुख घटक हैं। द्वितीय। ग्रामोद्योग विकास योजना (जीवीवाई) – जिसमें विभिन्न ग्राम उद्योगों के तहत की जाने वाली गतिविधियों को समूहीकृत किया गया है। अनुदान/सब्सिडी के रूप में प्रशिक्षण एवं मशीनरी/टूल किट का वितरण

खादी विकास और ग्रामोद्योग की स्थापना कब हुई थी?

खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग की स्थापना 1957 मे हुई थी l

खादी ग्राम उद्योग में कौन कौन से कार्य आते हैं?

खादी और ग्रामोद्योग आयोग के कार्य KVIC उद्योग क्षेत्र की उत्पादन तकनीकों और उपकरणों में अनुसंधान को विकसित और बढ़ावा देना । खादी ग्रामोद्योगों को डिजाइन, प्रोटोटाइप और अन्य तकनीकी जानकारी प्रदान करके विकसित और मार्गदर्शन करने के लिए संस्थानों और व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।

खादी ग्राम उद्योग से लोन कैसे मिलता है?

PMEGP लोन के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें
स्टेप 1: ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए PMEGP (खादी और ग्रामोद्योग आयोग की वेबसाइट) की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं या यहाँ क्लिक करें
स्टेप 2: ऑनलाइन PMEGP एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए दिशानिर्देशों का पालन करें और सभी ज़रूरी जानकारी भरें

खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष कौन हैं?

खादी और ग्रामोद्योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने शुक्रवार, 15 जुलाई 2022 को पदभार ग्रहण किया।

Dhananjay Ghorpade

Dhananjay Ghorpade

Dhananjay Ghorpade completed B.C.A. and he writes Job, Education and Entertainment related article.

Leave a Comment