S&P Rating India: S&P के ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत को स्थिर हुई रेटिंग्स के बाद अब सकारात्मक दिशा की रेटिंग दी है। भारत के लिए ग्लोबल स्तर पर यह बहुत बढ़िया खबर है। भारत की इस रेटिंग में बढ़त के कारण को बताते हुए कहा है कि भारत में नीतिगत स्थिरता, आर्थिक सुधार और दीर्घकालीन विकास की डोर दिखाई दे रही है।
क्या है S&P रेटिंग
S&P रेटिंग्स का फूल फॉर्म स्टैंडर्ड एंड पुअर्स रेटिंग है। यह रेटिंग्स द मैकग्रा हिल कंपनीज की तरफ से दी जाती है। इनकी रेटिंग देश की आर्थिक व्यवस्था कैसे चल रही है इसके बारे में निर्देश देती है।
भारत को अभी दी गई S&P रेटिंग बहुत सालो बाद बढ़ी है। पिछले दस साल से यह रेटिंग में भारत स्थिर था। अब इतने सालो बाद भारत ने इस स्थिर रेटिंग से बाहर आकर कोई बढ़त दिखाई है। यह सकारात्मक ग्रोथ आगे भी 3 साल बने रहने की संभावना की है।
क्यों बड़ी भारत की S&P रेटिंग
भारत की रेटिंग बढ़ने का बड़ा कारण है भारत के ऊपर जो भी सरकारी कर्ज है और ब्याज है उसमें कमी आना है। भारत में कर्जे का बोझ कम होने के साथ आर्थिक स्थिति में और सुधार आ रहा है।
इस कारण ही भारत की रेटिंग में सुधार आ रहा है। इस सुधार के कारण आगे चलकर 24 महीने में और भी सुधार आता रहेगा।
भारत में आर्थिक विकास हो रहा है। क्रेडिट मैट्रिक्स जैसी चीजों पर इसका असर सही हो रहा है। GDP में ग्रोथ के साथ अब सरकारी कर्जे का भर कम होता रहेगा तो आगे 7% का वार्षिक दर बढ़ता रहने की संभावना अधिक है। इसमें अब चुनाव के बाद सरकार में हुए बदलाव या स्थिर सरकार पर भी बड़ी निर्भरता है।
चुनाव के लिए क्या होगा फायदा
भाजपा के प्रवक्ता अब बाते करेंगे की यह सब मोदी जी के निर्णय के वजह से मुमकिन हुआ है। अब ऐसे बयान भी सामने आने लगे है। यह संभव हो सका है अपने केंद्र सरकार के निर्णय की वजह से। इस बात को हमे भी मानना होगा।
मोदी जी के विकसित भारत के संकल्प के बाद यह भारत को वैश्विक स्तर पर टॉप पे बनाया रखता है। केंद्र सरकार की नीतियों के अनुसार ही भारत देश आर्थिक स्तर पर आगे बढ़ रहा है।
इस बात का फायदा अब चुनाव के आखरी चरण में भाजपा सरकार को जरूर होगा।